60 Majedar Paheli – अनोखी पहेलियाँ

Majedar Paheli – अनोखी पहेलियाँ, इस आर्टिकल में मैं आपके लिए बहुत ही अनोखी पहेलियां लेकर आया हूं जो आपने पहले कभी नहीं सोनिया पढ़ी होंगी।

पहेलियों का इतिहास हमारे भारतवर्ष में काफी पुराना है हर वर्ग के लोग पहेलियों को काफी महत्व देते हैं। आज भी पहेलियों को हल करना काफी मनोरंजन माना जाता है।


कुछ पहेलियों के जवाब नहीं के साथ दिए गए हैं। अगर आपको किसी पहेली का जवाब आता है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Majedar Paheli In Hindi

पहेली 1: हाथी जैसा सर है जिसका , मनुष्य जैसा है अंग मूसा जिसका वाहन रहता, अरुण देह का रंग।

उत्तर:  गणपति

पहेली 2: वीणा जिसके कर मे रहती, वाहन जिसका मोर मोर ,धरो ध्यान तुम उस देवी का, करो ना अब तुम शोर ।

उत्तर: सरस्वती

पहेली 3: सात नेत्र अरु दो साहस, तीन सिंह जी चार आठ चरण दो पूंछ है, पंडित करो विचार।

उत्तर: महादेव जी

पहेली 4: अम्बु सुता रिपु तासु रिपु , रिपु कै रिपु जानत ता तनया पति बिन सखी विकल होत है ग्रान।

उत्तर: कृष्णा जी

पहेली 5: कनज उलट ताकी सुता ताके पति को तात अर्ध नाम ताको अमर, सो कर लेयी हाथ।

उत्तर: यश

पहेली 6: अर्ध नाम तरवार को अरु कागज को तात सो हमको देबू करो जामे होय सनात।

उत्तर: दर्शन

पहेली 7: मलिन नयन कर देखिये सब कुछ सवही भाय अमल दृष्टि जय रवि लहो तब रवि ही दरसाय।

पहेली 8: एक आंख उसमें भी जाला दिन में बंद रात उजियाला।

उत्तर: चंद्रमा

पहेली 9: मिट्टी का घोड़ा लोहे की झील उस पर बैठा चुलबुलिया हकीम।

उत्तर: तवा

पहेली 10: एक तमाशा देखा जात नाच उलट के घोड़ा खात।

पहेली 11: केशर है मुर्गा नहीं नीलकंठ नहीं मोर लंबी पूंछ वानर नहीं चार पॉव नहीं ढोल।

उत्तर: गिरगिट

पहेली 12: रात पड़े पड़ने लगी दिन को मरी रात को जागी उसका मोती नाम जताया बूझो तुमसे कुछक सुनाया।

उत्तर: मछली

पहेली 13: बारे में यह सब को भावे बढ़ा हुआ कुछ काम ना आवे, मैं कह दिया उसका नाम अर्थ करो कि छोड़ो ग्राम।

उत्तर: दीपक

पहेली 14: चाहू और फिर आई जिन देखी तिन खाई।

पहेली 15: बाबा सोचे जा घर में पाँव पसारे वह घर में।

पहेली 16: सफेद खेत काला बीज बोने चला गावे गीत।

उत्तर: किताब

पहेली 17: किसी में दो, किसी में तीन, किसी में एक अकेला है जड़ से उखाड़ बगल में दबा ऐसा एक पहेला है।

पहेली 18: कुसुम कपास उर्द और रिरूआ चार चस्तु का एक ही नरूआ।

पहेली 19: एक चिड़िया हमारे देश आदि काली आधी सफेद जब चिड़िया का हुआ विनाश नीचे पंखा ऊपर मार मार।

उत्तर: दिन और रात

पहेली 20: क्या जानू यह कैसा है जैसा देखा वैसा है अर्थ तू उसका बूंजेगा मुंह देखा तू सूझेगा।

पहेली 21: एक मुर्गा चशम विदं चलते चलते थक गया लाओ चाकू कांटे गर्दन फिर से चलने लग गया।

उत्तर: पेंसिल

पहेली 22: चरण चौकी एक बैठी रानी सर पर आग बदन पर पानी , बार-बार सर काटे उसका कोई भेद ना पावे उसका।

उत्तर: मोमबत्ती

पहेली 23: एक नार देखी न्यारी भीतर कपड़ा ऊपर ऊपर उधारी कपड़ा ऊपर ऊपर उधारी अपने काम को बड़ी सयानी और के हाथ से पीवे पानी।

पहेली 24: दुबली पतली गुण भरी शीशा चले नहुराय वह नारी जब आवे हाथ बिछड़े हमे मिलाएं।

उत्तर: सुई

पहेली 25: नर के पेट में नारी वैसे पकड़ हिलाए खिल खिल हंसे पेट फटे तब नारी गिरी सबको लगे प्यारी खड़ी।

उत्तर: नारियल की गिरी

पहेली 26: फली ना भूले नाचे ना डारो फल खाइए बहारों मास ।

पहेली 27: हलचल चली जात नेक ना विछल जात सीधी गली जात हजम सफल है।

पहेली 28: आदि मिटाए आदमी संत मिटाए तीर मध्य मिटाए दिन रहा नाम बताओ वीर।

पहेली 29: मैं पक्षी मेरा मीठा स्वर पुलअट पढ़ो तो होता बंदर।

पहेली 30: रोम रोम में झरता पानी मुझे देख झट से छतरी तानी।

उत्तर: धूपि या दोपहरी

पहेली 31: हग हाय में चोला मेरा मुंह में होता लाल बड़े चाव से खाते मुझको यह मेरा है हाल।

उत्तर: पान

पहेली 32: सिर काटो तो गिर बन जाऊं धड़ काटो तो मर मर जाऊं कांटे मेरा पैर तो मग कहलाओ, कैसे तुमको नाम बताओ।

उत्तर: मगर

पहेली 33: काले मुंह को छोटी नारी उसके वश में दुनिया सारी।

उत्तर: आलम

पहेली 34: कपड़े वह हर साल बदलता फागुन में जोर आता सबके मुंह में पानी लाता जब वह घर में आता।

उत्तर: आम

पहेली 35: एक सुपारी घर से लाए उसमें चोटे 3 जमाए एक चोट को दो दो टुकड़े तीन चोट के कितने टुकड़े।

उत्तर: अचार की गुठली

पहेली 36: चढ़े नाक पर पकड़े कान कहो कौन है यह शैतान।

उत्तर: ऐनक

पहेली 37: देखा एक जानवर काला काले वन में डेरा डाला किंतु लाल पानी पीता है उसको ही पीकर जीता है।

उत्तर: जुएं

पहेली 38: ना तना ना चुना ना करना विचार, बरस दिन पहन कर के रखना उतार।

उत्तर: सांप की केचुली

पहेली 39: एक पीली एक लाल दिखाएं दोनों एक ही नाम, कहाय एक मध्यम एक तेज जनाए हो तो दियो बताए।

पहेली 40: बस्ती छोटी घर घने बसे सूरमा लोग आए को आदर करें नहीं रहन के योग।

उत्तर: बरे का छत्ता

पहेली 41: तिल देख तिलाब देख तिल का विस्तार देख दांडी को बढ़ाएं देख छाया को रुकाव देख।

उत्तर: बड़का झाड़

पहेली 42: जरा सा लटका लाल कमान घर-घर मारे बूढ़े जवान जवान।

उत्तर: बिच्छू

पहेली 43: उत्तर पर पत्थर पर पैसा बिना पानी के महल बनावे यह कारीगर कैसा।

उत्तर: लखेड़ी

पहेली 44: एक सज्जन का गहरा प्यार जिससे होवे घर उजियार।

उत्तर: दीया या दीपक

पहेली 45: मुट्ठी भूसा खाया भरी नर्मदा में उल्टा ।

उत्तर: गुफा

पहेली 46: एक कुएं में घाट हजार एक हजार घुसती पनिहार।

पहेली 47: कुंवारी नारी गेह तजावे, आंख लगे तो नाक चढ़ावे।

उत्तर: चश्मा

पहेली 48: एक सींग की गाय जितना खिलावे उतना खाए की गाय जितना खिलावे उतना खाए।

उत्तर: चक्की

पहेली 49: सोने की सी चटक बहादुर किसी मटक बहादुर गए भाग लगा गए आग।

उत्तर: बिच्छू

पहेली 50: काले पहाड़ पर लहू का बूंद ।

उत्तर: सिंदूर

पहेली 51: हरा था भरा था लाख मोतियों से जड़ा था, राजा के द्वार पर घोड़े पर पड़ा था।

उत्तर: जवार का भुट्टा

पहेली 52: हरी डंडी लाल कमान तोबा तोबा करे पठान।

उत्तर: मिरचा

पहेली 53: काला हूं कोटा हूं काले वन वन काले वन वन में रहता हूं लाल पानी पीता हूं सरकारी जवाब देता हूं।

उत्तर: मच्छर

पहेली 54: दुबली पतली गुण भरी शीशा चले निहारी वह आवे जब हाथ में बिछड़े देत मिला।

उत्तर: सुई

पहेली 55: एकबाल का घर भर भूसा।

पहेली 56: पीली है पर बेसन की नहीं बनती है खाने की वह चीज नहीं नहीं पर खाते हैं।

उत्तर: गर्मी

पहेली 57: देखत है सब जगत को लिखित ना अपनो गांव एक पल में फिर जात है दो स्वरूप एक नाव नाव।

पहेली 58: काय उजरी सिर जटा रहत एक पग ध्यान हम जानी तपसी को कपटी बड़ा निदान।

पहेली 59: चार कान एक सींग है एक टांग की नार श्याम वर्ग तामस भरी करो विचार।

पहेली 60: अंत कटे सीता बने आदि कटे से यार हम वनवासी जीव हैं अक्षर तीन हजार तीन हजार।

आशा करता हूं कि आपको यह अनोखी पहेलियां पसंद आई होगी अगर आए हैं तो हां कि नहीं अपने परिवार और मित्रों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा

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